भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग ने बजट 2024 के लिए कई महत्वपूर्ण अपेक्षाएँ व्यक्त की हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करने वाली हैं। इस बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख उपायों की आवश्यकता है। उद्योग ने FAME-III योजना, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अधिक फंडिंग, स्थानीयकरण के लिए प्रोत्साहन, और इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST में कमी की मांग की है।
FAME-III योजना का महत्व
FAME-III योजना का लक्ष्य इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देना है। यह योजना 2015 में शुरू हुई थी और इसके अब तक दो चरण पूरे हो चुके हैं। उद्योग की अपेक्षा है कि यह योजना निजी बसों और वाणिज्यिक वाहनों को भी शामिल करेगी। इससे राज्य परिवहन उपक्रमों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा।
- FAME योजना का विस्तार
- निजी बसों का समावेश
- वाणिज्यिक वाहनों को प्रोत्साहन
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में धीमी गति का एक प्रमुख कारण चार्जिंग स्टेशनों की कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क को बढ़ाना चाहिए, विशेषकर उन स्टेशनों को जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों द्वारा संचालित होते हैं। इससे EV इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी और उपभोक्ताओं को सुविधा होगी।
चार्जिंग स्टेशनों के विस्तार के लाभ
चार्जिंग स्टेशनों के विस्तार से निम्नलिखित लाभ होंगे:
- इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच में वृद्धि
- उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाना
- स्थानीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग
जीएसटी में कमी की मांग
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग ने जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% करने की मांग की है। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक सस्ती बनाना है। इस टैक्स रेशनलाइजेशन से आम जनता के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद आसान होगी।
जीएसटी में कमी के संभावित प्रभाव
जीएसटी में कमी से निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकते हैं:
- इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि
- उपभोक्ता खर्च में कमी
- स्थानीय निर्माताओं को लाभ
स्थानीयकरण और अनुसंधान एवं विकास
उद्योग ने स्थानीयकरण के लिए प्रोत्साहन की भी मांग की है। यह स्थानीय सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देगा और रोजगार सृजन करेगा। इसके साथ ही, बैटरी प्रौद्योगिकी में स्थानीय अनुसंधान और विकास को समर्थन देने की आवश्यकता है।
स्थानीयकरण के लाभ
स्थानीयकरण से निम्नलिखित लाभ होंगे:
- निर्माण लागत में कमी
- रोजगार के अवसर बढ़ाना
- आपूर्ति श्रृंखला में मजबूती
सरकारी सब्सिडी का महत्व
सरकारी सब्सिडी का महत्व बढ़ रहा है, खासकर जब वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री धीमी हो रही है। FAME-2 योजना के तहत दी गई सब्सिडी ने 2023 में 48% EV अपनाने में वृद्धि की। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार सब्सिडी को बनाए रखे।
सरकारी सब्सिडी के प्रभाव
सरकारी सब्सिडी के प्रभावों में शामिल हैं:
- इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी
- उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन
- बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना
भविष्य की दिशा
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की भविष्य की दिशा स्पष्ट है। यदि सरकार ने अपेक्षित कदम उठाए, तो भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की अपनाने की दर में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है। उद्योग का मानना है कि यदि FAME-III योजना लागू होती है, तो यह उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
भविष्य की संभावनाएँ
भविष्य की संभावनाएँ निम्नलिखित हैं:
- बाजार में नए उत्पादों की उपलब्धता
- स्थायी विकास की दिशा में कदम
- उपभोक्ता संतोष में वृद्धि
निष्कर्ष
बजट 2024 भारत के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। उद्योग की अपेक्षाएँ स्पष्ट हैं और यदि सरकार इन पर ध्यान देती है, तो यह न केवल उद्योग की वृद्धि को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस प्रकार, “electric vehicles buget 2024” के संदर्भ में उठाए गए कदम भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास को गति देने में सहायक होंगे।
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