हम सभी जानते हैं कि जुलाई 2024 का बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। इस बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। हालांकि, इस बजट ने ईवी खरीदारों और निर्माताओं के लिए मिश्रित भावनाएँ उत्पन्न की हैं।
बजट में ईवी के लिए क्या है?
बजट 2024 में ईवी के लिए कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पहलू दोनों देखे गए हैं। एक ओर, इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होने वाले बैटरी मटेरियल पर कस्टम ड्यूटी में कमी की गई है। दूसरी ओर, ईवी टू-व्हीलर सब्सिडी को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
बैटरी मटेरियल पर कस्टम ड्यूटी में कमी
बजट में लिथियम, कोबाल्ट, और कॉपर जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स पर कस्टम ड्यूटी को 10% से घटाकर 2.5% या शून्य कर दिया गया है। इससे बैटरी की कीमतों में लगभग 20% की कमी आ सकती है।
ईवी सब्सिडी का अभाव
हालांकि, ईवी टू-व्हीलर सब्सिडी को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। पहले जो 100,000 रुपये की सब्सिडी मिल रही थी, वह 1 अगस्त से समाप्त हो जाएगी। इससे ईवी की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है।
क्या ईवी की कीमतें बढ़ेंगी?
अगर सरकार ईवी सब्सिडी को पुनर्स्थापित नहीं करती है, तो हमें ईवी की कीमतों में वृद्धि देखने को मिलेगी। बैटरी की लागत में कमी के बावजूद, सब्सिडी के अभाव में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें बढ़ेंगी।
कस्टम ड्यूटी का प्रभाव
कस्टम ड्यूटी में कमी का सीधा असर बैटरी निर्माण पर पड़ेगा। इससे बैटरी की लागत में कमी आएगी, लेकिन बिना सब्सिडी के, ईवी की कुल लागत में कमी नहीं आएगी।
भविष्य की संभावनाएं
अगर सरकार “फेम 3” योजना को लागू करती है, तो इससे ईवी की लागत में और कमी आ सकती है। लेकिन वर्तमान में, केवल कस्टम ड्यूटी में कमी को ही प्राथमिकता दी गई है।
निष्कर्ष
इस बजट ने ईवी सब्सिडी को लेकर हमें निराश किया है। हालांकि, बैटरी मटेरियल पर कस्टम ड्यूटी में कमी एक सकारात्मक कदम है। हमें यह देखना होगा कि सरकार भविष्य में ईवी सब्सिडी को लेकर क्या निर्णय लेती है।
आपका क्या कहना है?
आप इस नए बजट के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आपको लगता है कि ईवी सब्सिडी आने वाली है या नहीं? अपने विचार हमसे साझा करें।